कहानी ....छोटी बच्ची निर्माण विहार मेट्रो स्टेशन ...नई दिल्ली हाँ.. यही से मैं कुछ नाश्ता करने के बाद , मेट्रो से अपने दफ्तर जाता था । मैं बस से उतरा ... और चल पड़ा मेट्रो गेट की ओर ...जहां वो छोला- कुल्चा वाला अपना ठेला लगाता था । तभी मैंने अपनी रफ्तार मे कुछ कमी महसूस की , मानो कोई मुझे अपनी ओर खिच रहा हो ... पीछे पलटा तो देखा एक छोटी बच्ची मेरे जीन्स के साथ लगी पड़ी थी । उसने एक छोटी सी लाल रंग की फटी पुरानी फ़्राक पहन रखी थी ... जो उसके हालात अपने आप बयां कर रहे थे। “साहेब ! कुछ पैसा दई दो ... दो दीना से कुछ नही खाया ... दई दो न ! ... आपके बच्चे खुश रहे ... पढे लिखे आगे बढ़े “ छोटी बच्ची ने मुझसे कहा । मैं ये सुन कर चौंक गया और सोचने लगा.... काहे के बच्चे ! ... मेरी तो शादी भी नही हुई ... फिर उनके पढ़ने लिखने और खुश रहने का तो सवाल ही नही उठता ... ये शब्द किसने.... इसकी इस छोटी सी जुबान पर डाले होंगे... जबकि मासूमियत आज भी इसके चेहरे पर अपना डेरा जमाये हुये है ... इसे पैसा दे देता हूँ ... नही ... ऐसा नही कर सकता ! कहीं ऐसा करके मैं इसके भीख मांगने की प्रवित्त
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Showing posts from December 17, 2017
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ऐसा कभी वक़्त नही आया ! जिंदगी को वो पढ़ता रहा... जिंदगी भर , पर कभी चेहरों को... पढ़ना नही आया ! सीख ली जिसने... जम के दुनियादारी , उसे रिश्तों की गहराईयों मे कभी... डुबना नही आया ! खरीद ली जो एक किताब समझदारी की.... उस नुक्कड़ की दुकान से , पढ़ सके कभी शिद्दत से ...ऐसा कभी वक़्त नही आया ! जाता रहा वो रोज ... मंदिर , मस्जिद , गुरुद्वारा , कहाँ रहता है खुदा ... उसे कभी समझ नही आया ! जरूर ढूंढ लेता वो खुशी ....उस गम के शहर मे , जो शहर मे ही रह गया ...कभी घर नही आया ! जीत लेता वो...... हर एक जंग जिंदगी की , शायद खुद पे लगी जंग को ...कभी धोना नही आया ! © Vishal Maurya नोट - रचना को बेहतर बनाने की दिशा में अपना मत दे !
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A Girl’s Silent Cry You know… The saddest part in a girl’s Life , More painful than a wound by a Knife . Her silent cry in her Makeup , A heart already broken that she can’t make up ! A cry …. That is sometimes difficult to notify , Although Her tears are transparent ! trying to hide from her parent , but u can’t see her sadness . Perhaps…. you can call its my madness , to say…. How much blind can a man be …. With perfect two eyes ? © Vishal Maurya Note-Give your valuable views ....