खाता है हर कोई धोखा ... इस
प्यार के खेल मे
मैं इस खेल का .... पहला
खिलाड़ी नही !
बरसती हैं आंखे अक्सर ....
हालातों की धूप में
सिर्फ नज़रों की इसमे ... खता
नही !
कहने समझने का .... अंतर
जरूर होगा
बाते यूं ही हवाओ मे ...
दिशा बदलती नही !
लब सील गए होंगे तेरे ...
खामोशी के धागों से
वरना यूं ही कोई .... चुप
रहता नही !
खेलती है तेरी यादें मुझसे
... ख्वाबों के बागों में
जब तक सुबह का माली ....
दस्तक देता नही !
© Vishal Maurya
नोट - आपको रचना कैसी लगी हमे अवश्य बताए !
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