एक पल मे जो मेरे ... मुल्क की बाज़ी पलट दे ,
सियासत में ... वो वज़ीर चाहिए !
रहनुमा ही भटकाते हैं ..... अक्सर खुदा ,
जो सही राह बता दे ..... वो फकीर चाहिए !
अब पत्थर नहीं ..... अब दंगे नहीं ,
खूबसूरती जिसका गहना ... वो कश्मीर चाहिए !
देखो .... बड़ी बेरंग सी हो गयी है मेरे मुल्क की सूरत ,
जो थोड़ा सा रंग भर दे .... वो अबीर चाहिए !
जो किस्मत बदल दे .... मेरे मुल्क की खुदा ,
हुक्ममरानों के माथों पर .... वो लकीर चाहिए !
बेइमानो ने जगह ले ली है .... ईमानदारों की ,
जो उनको औक़ात दिखा दे ..ईमान की पुरानी ... वो तस्वीर चाहिए !
देखो ... कुछ भटक से गए है ... आज हम ,
जो सही पता बता दे ... वो जमीर चाहिए !
अब चुप रहने से ....बात नहीं बनेगी यारों ,
अचूक निशाना हो जिसका .... जुबां में ... वो तीर चाहिए !
© Vishal Maurya ' Vishaloktiya '
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Ie nazm ko mene RAHAT INDAURI saheb ko padhte suna tha. Bahot khubsurat nazm hai haqiqat ko bayan karne ka.Infact it was that what the country needs.
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