अब नींद नही आती उसके बिना ,
रात चाहे लाख सुलाए मुझे !
वो गयी है तो आ भी जाएगी ,
कुछ मुक्कमल काम भी कर लूं ,
कोई उसके ख्वाब से जगाये मुझे !
उसके बिना जान नही आती ,
साँसे चाहे लाख हिलाये मुझे !
वो उन लोगों में है शुमार ,
जो शिद्दत से समझ पाये मुझे !
अल्फ़ाज़ मेरे बस हैं इसी इंतज़ार में ,
कभी वो आये गाये मुझे !
उसके चेहरे से नज़र ही नही हटती
मानो उसके चेहरे में कोई डुबाये मुझे !
© Vishal Maurya ' Vishaloktiya '
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